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Agra Swachta-gaan

आगरा नगर निगम का स्वच्छता गीत
 
स्वच्छ आगरा, शहर हमारा,
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।
यमुना के गोंदी में बैठा,
शाही वैभव का ध्रुवतारा ।।
स्वच्छ आगरा, शहर हमारा,
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।।1।।

गली मोहल्ला साफ रखेंगें,
बीमारी को दूर करेंगें।
सुलभ शौच हर घर में होगी,
नाली गंदी नही बहेगीं।।
फिजां तन गई, रौनक आयी,
जाग उठा है, जन-जन सारा।
स्वच्छ आगरा, शहर हमारा,
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।।2।।
जागो भाई, तुम भी जागो,
खुले शौच की आदत त्यागो।
नगर प्रदूषण दूर भगाकर,
जर्रा-जर्रा महकायेंगे ।
बीता गौरव वापस लाकर,
पर्यटकों का मन मोहेंगे।।
सूफी संतो की धरती पर,

गूंजे सुलह-ए-कुल का नारा।
स्वच्छ आगरा, शहर हमारा।।
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।।3।।
अकबर जहांगीर की धरती,
शाहजहाँ, मुमताजमहल की,
गा़लिब, मीर, नजीर, सूर की,
यह धरती है नवरत्नों की।
विगत वर्ष हम सब ने मिलकर,
राष्ट्रपिता की शपथ  गही थी।।
स्वच्छ आगरा, शहर हमारा।।
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।।4।।
स्वच्छ और स्मार्ट बनाकर,
चमनजार कर देंगे सारा।।
स्वच्छ आगरा, शहर  हमारा,
हरा -भरा हो, सबसे न्यारा।।5।।

— रचयिता
हरि राम गुप्त
मुख्य लेखा अधिकारी
नगर निगम आगरा